
| Am | A | Dm | |
| Foi numa l | eva que a c | abocla Ma | ringá |
| G7 | C | |
| Ficou sendo a re | tirante que mais dava o que f | alar |
| Bm5-/7 | E7 | Am | |
| E junto | dela veio alg | uém que sup | licou |
| F#7 | B7 | E7 | Am | E7 | A | |
| P | ra que nunca se esq | uecesse de um | caboclo q | ue f | ico | u |
| E7 | A | |
| Mari | ngá, Mar | ingá |
| C#m | |
| Depois que tu par | tiste |
| F#7 | |
| Tudo aqui ficou tão tr | iste |
| C | Bm | |
| Que eu ga | rrei a imag | inar |
| E7 | |
| M | aringá, Maringá |
Para haver felicidade
É preciso que a saudade
| A | |
| Vá bater noutro l | ugar |
| G7 | F#7 | |
| M | aringá, Mar | ingá |
| Bm | |
| Volta aqui pro meu ser | tão |
| F7 | E7 | |
| Pra de | novo o co | ração |
| Am | F#7 | B7 | E7 | |
| De um caboclo assoss | ega | r |
| Am | A | Dm | |
| Antiga | mente uma ale | gria sem | igual |
| G7 | C | |
| Dominava aquela g | ente da cidade de | Pombal |
| Bm5-/7 | E7 | Am | |
| Mas veio a | seca, toda ág | ua foi e | mbora |
| F#7 | B7 | |
| Só re | stando então a | mágoa |
| E7 | Am | E7 | A | |
| Do c | aboclo quando | cho | ra |


